मौन हुए महादेव
अमिताभ पाण्डेय,भोपाल
सच के लिए सत्ता से लड़ाई की हिम्मत रखने वाले गांधीवादी विचारक महादेव चौबे का आज सुबह हार्टअटैक से निधन हो गया।
वह इन दिनों अपने गृह नगर जीरापुर में रहकर समाज सेवा कर रहे थे ।
आकाशवाणी भोपाल में 20 वर्ष से भी अधिक समय तक समाचार वाचक रहे महादेव चौबे, मध्यप्रदेश शासन के वाणिज्य कर विभाग में काम करते हुए उपायुक्त के पद से सेवानिवृत्त हुए थे ।
सेवानिवृत्ति के बाद सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों में उनकी सक्रियता बढ़ गई थी।
जनसेवा करते हुए गांधीवादी विचारधारा के साथ उन्होंने न्याय की लड़ाई लड़ी और जीती।
अपने अलग तेवर के लिए मशहूर महादेव चौबे पूर्व विधायक और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी प्रभु दयाल चौबे के पुत्र थे जिनको महात्मा गांधी और विनोबा भावे का सानिध्य मिला।
पूज्य बापू, पूज्य विनोबा के सिद्धांतों को अपनी जीवनशैली बनाकर प्रभूदयाल चौबे ने और आजीवन समाज की सेवा की । जीरापुर क्षेत्र की जनता ने इसी जनसेवा के कारण प्रभुदयाल जी को कई बार विधायक के रूप में भारी बहुमत से निर्वाचित होने का मौका दिया।
अपने विधायक पिता से जनसेवा का पाठ सीखकर महादेव चौबे ने भी जीवन भर जन सेवा की।समाज सेवा की ।
अन्याय के विरुद्ध संघर्ष के लिए महादेव चौबे ने भी राजनीति और सरकार में प्रभावशाली पद पर बैठे लोगों के सामने गांधीवादी तरीके से सशक्त विरोध दर्ज कराया।
हमारे समय के बच्चों को भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों के प्रति समर्पित
रहने की प्रेरणा देने वाले महादेव चौबे के असामयिक निधन से एक और गांधीवादी विचारक समाज से कम हो गया है।
उनकी सत्य के प्रति निष्ठा, संघर्ष के लिए निर्भीकता, परिवारजनों को स्नेह और फटकार के साथ जोड़े रखने की काबिले तारीफ काबिलियत, समाज के लिए समर्पित भावना को सादर नमन।
उनके अचानक शिवधाम चले जाने से सर्व ब्राह्मण समाज को भी बड़ा नुकसान हुआ है ।
युवा पीढ़ी को लगातार संस्कार और नैतिक मूल्यों के लिए जागरूक करने वाले महादेव चौबे को अब हम सब अपनी स्मृतियों में अमर बनाए रखेंगे।
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